• judgement debtor | |
ऋणी: borrower debtor debtors Levanter loanee indebted | |
निर्णीत ऋणी अंग्रेज़ी में
[ nirnit rani ]
निर्णीत ऋणी उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इस विशय पर मेरी राय में निर्णीत ऋणी को कोई आपत्ति करने का अधिकार नहीं है।
- तर्क के दौरान यह कथित किया गया कि सतपाल सिंह आदि निर्णीत ऋणी के बिहाफ पर ही भूमि पर कब्जे में थे।
- यह भी देख सकती है कि क्या निर्णीत ऋणी वही वस्तु, जिसके लिये डिक्री के द्वारा निर्देषित किया गया है, दे रहे हैं या नहीं।
- प्रष्नगत आदेष में कोई विधिक त्रुटि या तात्विक अनियमितता नहीं है, बल्कि यह प्रतीत होता है कि सिर्फ डिक्री के निश्पादन में विलम्ब करने के उद्देष्य से समय-समय पर आपत्तियां निर्णीत ऋणी के द्वारा उठाई जाती हैं।
- तदोपरान्त डिक्रीदार के द्वारा पुनः षेश भूमि पर कब्जा दिलाने के लिये प्रार्थना की गयी, जिसके विरूद्ध निर्णीत ऋणी के द्वारा आपत्ति अन्तर्गत धारा 47 सी. पीसी. प्रस्तुत की गयी, जो प्रकीर्ण वाद संख्या 83/2008 पर पंजीकृत हुई।
- संक्षेप में तथ्य यह हैं कि डिक्रीदार के द्वारा मूल वाद संख्या 85 / 68 महन्त दूजदास बनाम उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा विक्रय पत्र दिनांकित 5-5-1962, जो महन्त बुद्धदास के द्वारा निर्णीत ऋणी प्रतिवादी संख्या-1 व 2 के पक्ष में किया, को निरस्त करने हेतु प्रस्तुत किया।
- इसके अतिरिक्त समझौता डिक्री दिनांकित 9-3-05 पर निर्णीत ऋणी के हस्ताक्षर नहीं है न ही उसकी सहमति है जिससे राजीनामा शून्य है, आदेष 23 नियम 3 जा0दी0 अधिवक्ता को राजीनामा करने का अधिकार नहीं देता है, अतः निष्पादन की कार्यवाही तथा राजीनामा खण्डित करने की याचना की गई।
- डिक्री को उसी रूप में, जिस रूप में पारित हुई है, निश्पादित किया जाना चाहिये, परन्तु विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि निश्पादन न्यायालय इस पर विचार कर सकती है कि क्या निर्णीत ऋणी अपने भाग को पूर्ण करने के लिये सक्षम है या नहीं।
- निगरानीकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि निर्णीत ऋणी के विरूद्ध जो धन की वसूली का प्रष्न है, उस सम्बन्ध में आपत्तिकर्ता पंचायती अखाड़ा 53,000/-रूपये से अधिक धनराषि सिविल जज वरिश्ठ प्रभाग सहारनपुर के न्यायालय में जमा कर चुका है और उसकी तरफ कोई धनराषि देय नहीं है।
- विद्वान अवर न्यायालय का यह निश्कर्श भी विधि विरूद्ध है कि निगरानीकर्तागण ने जो आपत्तियां की हैं, वे थर्ड पार्टी ही कर सकती हैं, बल्कि निश्पादन में अंकित सम्पत्ति प्राप्त करने के बारे में निर्णीत ऋणी को आपत्ति करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है और निर्णीत ऋणी भी उसके बारे में आपत्ति करके अपनी सुरक्षा कर सकता है।